पोला विशेष ब्लॉग

 

सबले पहिली, आप मन ला पोरा तिहार के गाड़ा गाड़ा बधाई 🐂🌾

( First of all, wish you a very happy Pola. 🐂🌾 ) 

 लोक परंपरा का प्रमुख त्योहार पोला पर्व (Pola Festival) प्रदेशभर में 6 सितंबर 2021 को धूमधाम से मनाया जा रहा है है. भारत कृषि प्रधान देश है, यहाँ कृषि को अच्छा बनाने में मवेशियों का भी विशेष योगदान होता है. भारत में इन मवेशियों की पूजा की जाती है. पोला का त्यौहार उन्ही में से एक है, जिस दिन कृषक गाय, बैलों की पूजा करते है. यह पोला का त्यौहार विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में मनाया जाता है. पोला के दिन किसान और अन्य लोग पशुओं की विशेष रूप से बैल की पूजा करते है, उन्हें अच्छे से सजाते है. पोला को बैल पोला भी कहा जाता है.

पोला का त्यौहार भादों माह की अमावस्या को जिसे पिठोरी अमावस्या भी कहते है, उस दिन मनाया जाता है. यह अगस्त – सितम्बर महीने में आता है.



  • त्यौहार का नाम पोला क्यों पड़ा?

विष्णु भगवान जब  कृष्ण  के रूप में धरती में आये थे, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी के रूप मे मनाया जाता है. तब जन्म से ही उनके कंस मामा उनकी जान के दुश्मन बने हुए थे. कान्हा जब छोटे थे और वसुदेव-यशोदा के यहाँ रहते थे, तब कंस ने कई बार कई असुरों को उन्हें मारने भेजा था. एक बार कंस ने पोलासुर नामक असुर को भेजा था, इसे भी कृष्ण ने अपनी लीला के चलते मार दिया था, और सबको अचंभित कर दिया था. वह दिन भादों माह की अमावस्या का दिन था, इस दिन से इसे पोला (Pola) कहा जाने लगा. यह दिन बच्चों का दिन कहा जाता है, इस दिन बच्चों को विशेष प्यार, लाढ देते है.




  • पोला त्यौहार का महत्व

भारत, जहां कृषि आय का मुख्य स्रोत है और ज्यादातर किसानों की खेती के लिए बैलों का प्रयोग किया जाता है. इसलिए किसान पशुओं की पूजा आराधना एवं उनको धन्यवाद देने के लिए इस त्योहार को मनाते है. पोला दो तरह से मनाया जाता है, बड़ा पोला एवं छोटा पोला. बड़ा पोला में बैल को सजाकर उसकी पूजा की जाती है, जबकि छोटा पोला में बच्चे खिलौने के बैल या घोड़े को मोहल्ले पड़ोस में घर-घर ले जाते है और फिर कुछ पैसे या गिफ्ट उन्हें दिए जाते है.




पोला पर्व की पूर्व रात्रि को गर्भ पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है। अर्थात धान के पौधों में दूध भरता है। इसी कारण पोला के दिन किसी को भी खेतों में जाने की अनुमति नहीं होती। रात में जब गांव के सब लोग सो जाते हैं तब गांव का पुजारी-बैगा, मुखिया तथा कुछ पुरुष सहयोगियों के साथ अर्धरात्रि को गांव तथा गांव के बाहर सीमा क्षेत्र के कोने-कोने में प्रतिष्ठित सभी देवी-देवताओं के पास जा-जाकर विशेष पूजा आराधना करते हैं। यह पूजन प्रक्रिया रात भर चलती है। इनका प्रसाद उसी स्थल पर ही ग्रहण किया जाता है घर ले जाने की मनाही रहती है। इस पूजन में ऐसा व्यक्ति नहीं जा सकता जिसकी पत्नी गर्भवती हो। इस पूजन में जाने वाला कोई भी व्यक्ति जूता-चप्पल पहनकर नहीं जाता फिर भी उसे काटा-कंकड़ नहीं चूभता या शारीरिक कष्ट नहीं होता।





( P.S. her smile... :) )

सुबह होते ही गृहिणी घर में छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे गुड़हा चीला, अनरसा, सोहारी, चौसेला, ठेठरी, खूरमी, बरा, मुरकू, भजिया, मूठिया, गुजिया, तसमई आदि बनाती हैं। वहीं किसान अपने गौमाता व बैलों को नहलाते हैं। उनके सींग व खूर (पैरों का निचला हिस्सा) में पेंट या पालिस लगाकर कई प्रकार से सजाते हैं। गले में घुंघरू, घंटी या कौड़ी से बने आभूषण पहनाते हैं। तथा पूजा करके आरती उतारते हैं।




तस्वीरें: काम्या साहू और इंटरनेट 📸

पोला के लिए अपने बेटों के लिए कुम्हार मिट्टी से बनाकर आग मे पकाए गए बैल या लकड़ी से बनाए बैल के पैरों में चक्के लगाकर सुसज्जित करके तथा बेटियों के लिए रसोई घर में उपयोग किए जाने वाली छोटे छोटे मिट्टी के पके बर्तनों (चुकिया, जाता, पोरा आदि) को पूजा कर बनाये हुए पारंपरिक पकवानों को भोग लगाने के बाद ये खिलौने खेलने व मनोरंजन के लिए बच्चों को देते हैं। इसके पीछे का तर्क यह है कि इन मिट्टी या लकड़ी के बने बैलों से खेलकर बेटे कृषि कार्य तथा बेटियां रसोईघर व गृहस्थी की संस्कृति व परंपरा को समझते हुए जीवन में योगदान देंगे।

मुझे लगता है कि अगर आपने यहां तक ​​स्क्रॉल किया है तो आपको ये शॉट्स और दिए गए ज्ञान पसंद आया होगा। मैं किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया या सुझाव के लिए बहुत आभारी रहूंगी। और मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि आपको कौन सा शॉट या तथ्य सबसे ज्यादा पसंद आया.....

मिलते हैं अगले ब्लॉग में जल्द ही, तब तक,

आपका दिन मंगलमय हो, अपना ख्याल रखें ❤


6 comments:

  1. Woahhhh! amazinggg photography is just awesome as I always say...... and the art, oooffffff damnnnn pretty! seriously hatts off to them, they really workhard for all these
    Keep it up kamya!
    U can do it , I know 😉😊

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    1. Yupp!! They really work hard ❤️ to earn a living 😓 and thank you very very much for your constant support Amie ❣️ and yeah, we will succeed together 😌❤️✨

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  2. सच में बहुत ही अच्छा लिखा है मुझे तुम पर गर्व है।

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    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद मौसा जी 😊❤️🙏🏼

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  3. 😍 It's so damn good ! I appreciate to art's of those persons 🤩 and I am impressed with the smile of lady on 11th photograph 😍💕 and as always the blog is awesome 🤩

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    1. Yess, I also appreciate their art ✨❤️ they are damn fine artists but still not appreciated by the world 😓 and yes, she naturally smiled by seeing the camera 😍❤️ muchas gracias for the support my dear 😊❣️✨

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